रमेश वेंकटरमन, Avast के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। Avast एक निजी इक्विटी इन्वेस्टमेंट फर्म है, जो कि मिडिल ईस्ट में एक सॉवरेन वेल्थ फंड एंड फैमिली ऑफिसेस के लिए निवेश की एडवाइस और मैनेजमेंट का काम संभालती है और एशिया में डायरेक्ट इन्वेस्ट का काम करती है। वेंकटरमन ने IIT खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में एम. फिल और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वुडरो विल्सन स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स से इकोनॉमिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी में एम.पी.ए. किया है। 2012 और 2016 के बीच, वेंकटरमन ने समीना कैपिटल के निजी इक्विटी बिज़नेस को चलाया और फर्म की निवेश कमिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौजूदा समय में वे प्योर डेटा सेंटर्स RAK इकॉनोमिक जोन, RAK एअरपोर्ट, ATCO ग्रुप, स्पाइस मनी और फाल्कन टेक्नोलॉजीज़ सहित कई कंपनियों के बोर्ड मेंबर हैं। पूर्व में वे विश्व स्तर पर अग्रणी सिरेमिक निर्माता, RAK सिरामिक्स की एग्जीक्यूटिव कमिटी के चेयरमैन और बोर्ड मेंबर तथा कई अन्य समीना निवेशित कंपनियों के बोर्ड में रह चुके हैं।
श्री वेंकटरमू जयंती एक जानेमाने बैंकिंग प्रोफेशनल हैं, जिनका २५ वर्षों का विस्तृत करियर बैंकिंग के प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्रों में फैला हुआ है। वे व्यावसायिक रणनीति, ग्रामीण और समावेशी बैंकिंग और डिजिटल बैंकिंग क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड नए व्यवसायों को सफलतापूर्वक लीड करने और प्रबंधन करने की उनकी क्षमता को साबित करता है, जो डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज़ पर केंद्रित हैं और न्यूनतम बिज़नेस मॉडलों के माध्यम से महत्वपूर्ण बिज़नस ग्रोथ में योगदान देते हैं। वे फाइनेंशियल उत्पादों की भूमिका को टेक्नॉलजी के माध्यम से नया आकार देने के बारे में उत्साही हैं और सहयोगात्मक वर्क एनवायरनमेंट बनाने के लिए जाने जाते हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में, उन्होंने रणनीतिक रूप से व्यापक लिगेसी वाले पोस्टल नेटवर्क का लाभ उठाकर एक परिवर्तनकारी सफ़र की शुरुआत की। इनोवेटिव इनिशिएटिव द्वारा, जिसने न केवल बैंक को लाभप्रदता की ओर निर्देशित किया, बल्कि इसे प्रतिस्पर्धी वित्तीय क्षेत्र में, विशेष रूप से अंडरसर्व्ड ग्रामीण बाजारों में, एक अद्वितीय प्लेयर के रूप में स्थापित किया। बैंकिंग में 25 वर्षों से अधिक के हैंड्स ऑन अनुभव के साथ, उनकी विशेषज्ञता ग्रामीण और समावेशी बैंकिंग एवं डिजिटल बैंकिंग में निहित है, जो नए व्यवसायों को सफलतापूर्वक लॉन्च करती है और उन्हें लाभदायक पथ पर ले जाती है। उनकी लीडरशिप जर्नी को बैंकिंग उद्योग के गतिशील परिदृश्य को नेविगेट करने, सफल टीम का निर्माण करने और लगातार विकसित हो रहे क्षेत्र में अनुकूलनशीलता और सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक टीम के सदस्य में सर्वश्रेष्ठ लाने की प्रदर्शित क्षमता द्वारा चिह्नित किया गया है।
मृत्युंजय महापात्रा के पास जनरल मैनेजमेंट के साथ ही IT, इनोवेशन, स्ट्रेटजी, कॉर्पोरेट बैंकिंग, कस्टमर रिलेशन मैनेजमेंट जैसे कई सेक्टर में तीन दशक से अधिक समय तक काम करने का अनुभव है। उन्होंने लगभग 8 साल यूएस और यूके में सीनियर और कंट्री हेड पदों पर काम करके ओवरसीज एक्सपीरियंस भी प्राप्त किया है। इसके अलावा वे सिंडिकेट बैंक के सीईओ रह चुके हैं और केनरा बैंक, एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम), एसबीआई कैलिफोर्निया, एसबीआई कनाडा आदि के बोर्ड में भी शामिल रहे हैं। वर्तमान में मृत्युंजय आरबीआई के इनोवेशन हब की गवर्निंग काउंसिल के बोर्ड मेंबर हैं। साथ ही वह नाबार्ड में पर्यवेक्षण बोर्ड में भी कार्यरत हैं और नाबार्ड में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एडवाइजर और मेंटर के तौर पर अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक जानेमाने विज़नरी और इनोवेटर के अलावा मृत्युंजय SBI के साथ-साथ BSFI उद्योग के लिए एक स्ट्रेटेजिक प्लानर रहे हैं, जहाँ उन्होंने बिज़नेस और IT ट्रांसफॉर्मेशन की अगुवाई की। वह नियमित रूप से IBM, ट्रेंड माइक्रो और टीवीएस समूह जैसी ग्लोबल और इंडियन कंपनीज़ के सलाहकार रहे हैं। इतना ही नहीं, कॉर्पोरेट एवं सरकारी विभागों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, फिनटेक इंगेजमेंट और ऑर्गनाईजेशनल प्रोसेसेस के क्षेत्र में वे एक जाना माना नाम रहे हैं।
डॉ रश्मी अग्रवाल 2007 से आईएमटी गाजियाबाद में लॉ की प्रोफेसर हैं, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र, पर्यावरण और पॉलिसी के क्षेत्र में पढ़ाया और रिसर्च किया है। फ़िलहाल, वह ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड, डिश टीवी इंडिया लिमिटेड, डीजीस्पाइस टेक्नोलॉजी लिमिटेड, एस्सेल फाइनेंस AMC लिमिटेड, टुडे मर्चन्डाइज़ प्राइवेट लिमिटेड और डिश इन्फ्रा सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में एक नॉन एग्जीक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर जुड़ी हैं। उन्होंने एस्सेल फॉरेक्स लिमिटेड के बोर्ड और विभिन्न बोर्ड उप-समितियों में भी कार्य किया है, जिसमें ऑडिट कमिटी, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी और नॉमिनेशन एवं रेम्युनेरेशन कमिटी शामिल हैं। इसके अलावा, डॉ. अग्रवाल ने बांग्लादेश में राजशाही यूनिवर्सिटी और नॉर्थ साउथ यूनिवर्सिटी के लिए बाहरी विदेशी सहकर्मी समीक्षक के रूप में भी काम किया है, जहां उन्होंने विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ और यूजीसी, बांग्लादेश के लिए उच्च शिक्षा गुणवत्ता आश्वासन का आकलन किया। IMT गाजियाबाद में उन्होंने 2-वर्षीय PGDM प्रोग्राम की अध्यक्षता, PGDM एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम की अध्यक्षता और AACSB मान्यता के लिए कोर कोऑर्डिनेटर सहित कई बड़े पद सम्भाले हैं। शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले, डॉ. अग्रवाल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील के तौर पर भी काम किया। रश्मी ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से बैचलर ऑफ साइंस, लॉ, मास्टर्स इन लॉ और लॉ डिपार्टमेंट से पेटेंट लॉ के लिए पीएच.डी. की डिग्री हासिल किया है। कॉर्पोरेट लॉ, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, साइबर क्राइम, लेबर लॉ और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स उनकी रिसर्च इंटरेस्ट का हिस्सा रहे हैं। कई बुक्स, अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च पेपर्स, बुक के चैप्टर्स, बुक रिव्यूज़ एवं केस स्टडी आदि में अब तक उनके करीब 80 लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
सुनील कुमार के पास 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, कन्ट्रोल प्लानिंग, ट्रेजरी और बजट कन्ट्रोल, टैक्सेशन, ऑडिट, रिस्क एवं कंप्लायंस विभाग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। स्पाइस मनी में शामिल होने से पहले वे एयरसेल, पेप्सी, पारस और फीनिक्स जैसी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं, जहाँ उन्होंने फाइनेंस और एकाउंटिंग से जुड़े सभी पहलुओं को मैनेज किया। मिस्टर कपूर एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और IIM कोलकाता से उन्होंने एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री ली है।
वीना मानकर ने ICICI लिमिटेड के साथ अपने कॉर्पोरेट करियर की शुरुआत की थी। तब यह एक फाइनेंस इंस्टिट्यूशन प्रोजेक्ट हुआ करता था, जो बाद में ICICI बैंक लिमिटेड बन गया। उन्होंने कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों में भी काम किया है, जिनमें दुबई स्थित अमीरात बैंक, यूके में बैंक इंडोसुएज एवल, जर्मनी के वेस्ट एलबी, स्टैंडर्ड बैंक ऑफ साउथ अफ्रीका और माल्टा में FIM बैंक शामिल हैं। इसके अलावा, वह पिछले 15 वर्षों से फाइनेंशियल इंक्लूजन सर्विस में शामिल रही हैं और उन्होंने स्वाधार ब्रांड के तहत दो संस्थाओं की स्थापना की है। मौजूदा समय में वह एक नॉन-प्रॉफिट आर्गनाईजेशन (NGO) स्वाधार फिनएक्सेस का नेतृत्व कर रही हैं, जबकि स्वाधार फिनसर्व लिमिटेड को 2018 में आरबीएल बैंक द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था और इसका नाम बदलकर आरबीएल फिनसर्व लिमिटेड कर दिया गया। मिस मानकर आरबीएल बैंक लिमिटेड और IDFC फाउंडेशन की डायरेक्टर हैं। पूर्व में वे IDFC फर्स्ट बैंक, लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस, भारत, दुबई और मिस्र में फैक्टरिंग संस्थाओं और स्मॉल फाइनेंस इंडस्ट्री एसोसिएशन सा-धन के गवर्निंग बोर्ड में काम कर चुकी हैं। उन्होंने लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में BA और अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है। मिस मानकर ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों के लिए प्रशिक्षक और वक्ता के रूप में व्यापक रूप से यात्रा की है।